कुछ और बात बताओ
जिसे मैं नहीं जानता हूॅ॑
जिसे मेरा
रोम-रोम पुलकित हो जाय
फूलों की तरह
खिल जाय
तुम्हारा बार बार
यूॅ॑ दावे करना
प्रेम में,,
जिसे मैं सुनना नहीं चाहता हूॅ॑
व्यर्थ की बातों में
उलझना नहीं चाहता हूॅ॑
कुछ और बात बताओ
जिससे जीवन पथ सुगम हो
हर सफर में तेरा साथ हो
समझ दिल से दिल की
बात मेरे दिल की
मुॅ॑ह सिले रहे,, और-
नजरों से बात हो
जिसे हृदय की गहराई से
हृदय जानता हो
कुछ ऐसी बात बताओ
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