Chay-ki-pyalee
कांपते हुए हाथों से उसने
चाय की प्याली दी
रिश्तों में गर्माहट पहले से थी
झूकी नजरों से देखा मुझे
उसकी आंखों में मोहब्बत थी
उसने चाय की प्याली थमा दी
खुशी उसकी दिल में थी
थरथराए कदमों से आई मेरे पास
ऐसी स्थिति मेरी भी थी
न जाने जमाने हमारे प्यार को
जबकि दिल में प्यार था हकीकत थी
---राजकपूर राजपूत
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