खामोशियों का जीवन
मेरी ख़ामोशी की
अनन्त गहराई में
केवल तुम हो
जहां मैं ठहर कर
कई ख्वाब बुनता हूं
तेरी ख्यालों में सोता और जागता हूं
तुम्हें यकीन नहीं होगा
दुनिया से पूछ लो
जो मेरी खामोशियों में
शामिल नहीं है
अगर तुझे यकीन हो
मुझे छोड़कर !!!!
---राजकपूर राजपूत
1 टिप्पणियाँ
बहुत खूब
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