मैं दुनिया से लड़ नहीं पाता हूॅ॑

मैं दुनिया से लड़ नहीं पाता हूॅ॑
इसलिए मैं तेरे पास आता हूॅ॑

दर्द हद से ज्यादा हो जाता है मेरा
तेरी यादों के ख्वाबों में खो जाता हूॅ॑

मुद्दत हो गई है तुम्हें देखें बग़ैर
इसलिए तेरी गलियों में जाता हूॅ॑

मेरी बातों पे यकीन करना तुम
तेरे चेहरे को देखके आराम पाता हूॅ॑
---राजकपूर राजपूत''राज''

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