हम आपको देखते हैं show off and relationship poem Hindi

show off and relationship poem Hindi 


अब ख़बर कहाॅ॑ खुद की हम आपको देखते हैं
आती है खुशबू हवाओं में हम आपको देखते हैं

तनहा तनहा जिन्दगी ख्याल आपका करते हैं
बेजार सा जिंदगी है मेरी हम आपको देखते हैं 

तुम हॅ॑स के महफ़िल में सभी से मिलते हो
एक हम ही हैं तन्हा यहाॅ॑ हम आपको देखते हैं

उम्मीद है मुझे मेरी कायनात भी बदलेगी तुझसे
आओ मेरी जिंदगी में हम आपको देखते हैं  !!

सामने झूठ बोल कर कैसे मुस्कुरा लेते हो
पकड़े गए हो फिर भी मुस्कुरा लेते हो

वो आज भी हमसे मिलते हैं जबकि चाहत नहीं 
प्यार नहीं अरमान नहीं फिर क्यों मुस्कुरा लेते हो

जाने कैसे वो दिल को समझा लेता है
मिलकर दुश्मन से मुस्कुरा लेते हो 

आखिर एक दिन साथ छोड़ना है तुझे
मतलब निकालने तक कैसे मुस्कुरा लेते हो

---राजकपूर राजपूत''राज''


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