what will happen to this world
दबी जुबान से अब समर्थन है ईमान का
इसलिए झूठ मुस्करा रहा है इंसान का
अब लाचारी झलकती है हर चेहरे पे
क्योंकि आदमी नहीं दिखे उसे पहचान का
हित चाहते हो तो झूठ पे कुछ सच्चाई रख
परवाह न कर लोगों के दर्द का थकान का
बचपन में उड़े थे जो पंछी वो दिखते नहीं
जरुर भूख मिटाया होगा किसी शैतान का
दिल्लगी ना रख उसे अपना ही ख्याल है
घर सभी फूंके हैं परवाह कहाॅ॑ मचान का
दिमाग अच्छे हैं मगर दिल का भी ख्याल हो
ना टूटे रिश्ते नाते ध्यान रखें मान-सम्मान का
वो सोचते हैं चाॅ॑द पर बस्ती बसाएंगे ज़रूर
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