यही सोच के मैं उदास नहीं

इस दौर में दिल में आस नहीं

तू मेरा है मैं तेरा, तुझे अहसास नहीं

रोज़ रोज़ की मुलाकात है मुझसे
पास आया फिर भी पास नहीं

अजीब सी उदासीनता दिखाई है
थके मन है दिल से खास नहीं

जद्दोजहद काबिले तारीफ है
फिर क्यों लगा ये तलाश नहीं

जिंदगी की कोई पहचान भी हो
गिरगिट का कोई लिबास नहीं

सुधरने में वक्त लगेगा शायद !
यही सोच के मैं उदास नहीं

-----राजकपूर राजपूत

यही सोच के मैं उदास नहीं


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