नैन से नैन मिलाय
प्रेम रस तो गुगें भऐ
जो खाय ना बताएं
जो खाय न बताय राज़
ऑ॑खों से ऑ॑सू बह जाय
प्रितम के नाम लेत
दिल धड़क रह जाय
किसी से कुछ बोले ना
दिल हर पल भरभराय
भीड़ में ऑ॑सू भरें
अकेले में बह जाय
प्रितम की याद बड़ी
सजनी चुपके-चुपके
उनके गली आय-जाय
पिया मिले तो दिल भाए
पिया ना मिले तो ददरिया गाएं
इस राज की तु ही सजनी
प्यारे मनमोहन कृष्ण खुदाय
0 टिप्पणियाँ