Dikhava aur Parda kavita hindi दिखावा और पर्दा

 कृत्रिमता अर्थात दिखावटीपन !Dikhava aur Parda kavita hindi वास्तविक स्वरूप किसी को नहीं भाते हैं । इसलिए सभी कृत्रिमता का लेप लगाएं हुए हैं । वास्तविक स्वरूप में कुछ न कुछ कमी है । जिसे कृत्रिम रूप में ढकने का काम करते हैं । जिससे छुप जाते हैं वास्तविक स्वरूप । लोग अपने चरित्र से लेकर चेहरे तक पर कृत्रिमता का लेप लगाएं हुए हैं । बातों से, व्यवहारों से । कई तरह के प्रसाधन सामग्री है । लोग अब वास्तविक चीजों से दूर हो रहे हैं । 
इस पर कविता हिन्दी में 👇👇

Dikhava aur Parda kavita hindi


कृत्रिमता से खुश व्यक्ति
प्लास्टिक से घरों को सजाते हैं
ले आते हैं -
कोई पेड़ , कोई फूल , कोई फल
सबको बताते हैं
उसकी सुन्दरता
सजावट के समान की तरह
रख देते हैं
एक कोने में
जिसको देखकर याद करते हैं
कोई पेड़ , कोई फूल , कोई फल
जो कभी देखे थे
वास्तविक में
प्राकृतिक सौंदर्य !!!

कृत्रिमता की लेप सभी लगाएं हैं
कोई कृम, कोई पाउडर
कोई और कुछ
कितना लेकिन मत पूछ
अपनी प्राकृतिक रूप
दिखाने से हिचकते हैं
शायद  ! वास्तविक स्वरूप
खुद को भी पसंद नहीं
इसलिए कृत्रिम रूप बनाते हैं !!!

कविता हिन्दी 


कृत्रिमता के भाव 
बेहतर तरीके से
वहीं ला पाते हैं
जो सियासत जानते हैं
चाहे सामान्य हो या फिर नेता  !!!!

कृत्रिमता का प्रभाव
उसी पे ज्यादा होता है
जो स्वयं कृत्रिमता अपनाए हैं
या फिर जिसकी चाहत होती है !!!

कृत्रिमता का ही प्रभाव है
लोग देख नहीं पाते
वास्तविक स्वरूप
जिसके कारण कृत्रिमता का क्षेत्र बढ़ रहा है !!!

दिखावा उतना ही सही
पर्दें में छुपा ले कहीं
उसे निर्लज्ज ही समझे जाएंगे
यदि पर्दे से दिखे कहीं !!!
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