Shayari -i -attiude हकीकत की जिंदगी से

shayari-i-attiude.- आजकल जो बोलते हैं । उसके सुनते हैं । पढ़ाई लिखाई में भी यही बात कहते हैं । अभिव्यक्ति बेहतर दो । तुम्हारी आवाज़ सुनी जाएगी । लेकिन नहीं ।  वर्तमान में अभिव्यक्ति की आजादी केवल  मुर्ख और चालाक व्यक्तियों द्वारा की जाती है । समझदार लोग उसके बेफिजूली बहस से चुप हो जाते हैं । उनके तर्क और शब्द हृदय को चीरते है । थकाने के लिए कहीं गई बातें । कभी प्रेम नहीं है ।  


shayari-i-attiude-hindi 

(१) 

कहने के लिए

बहुत कुछ कहना है

लेकिन कह नहीं पाता हूं

मेरी आजादी अधूरी है !! 

(२)

प्रेम कभी जीत नहीं पाए

नफरती लोगों को

मतलबी लोगों को

हां ये अलग बात है

उसकी नफ़रत ,, 

प्रेम के बहाने जिंदा है !!!

(३)

किसी को खुश किया नहीं जा सकता

खुश होते हैं लोग गुलाम बनाने के बाद !!

(४)

नफरती लोग कमियां ढूंढते हैं

अच्छाइयों से हरदम हारे हैं !!!

(५)

जो जिम्मेदारी लेने से बचते हैं

सच से भी बचते हैं !!

(६)

जो जिम्मेदारियों और चुनौतियों को स्वीकारते हैं

उससे उसकी अहमियत और औकात पता चल जाती है 

जिससे डरते हैं लोग !!!


(७)

हां , अभी मेरे सामने है क़ातिल

इसलिए खंजर छुपाएं हैं 

जब पीठ पीछे होगी मेरी

मौका मिलते ही खंजर घूसाए हैं

वो कत्ल करके मुस्कुराएंगे जरूर

मेरा भरोसा ही उसे ऐसा बनाएं है !!!


(८)

जीना तो उस दिन आ गया था

जिस दिन वो साथ छोड़ गया था

दर्द मेरे अंदर बसता है

बस मुस्कुराहट झूठी है मेरी !!

लेख

(९)

जब दर्द को सहना आ जाय

दर्द में मुस्कुराना आ जाय

समझो जीना आ गया है !!!

---राजकपूर राजपूत 



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