पत्थर जैसा लेकिन प्यारा/stone-like-but-cute-poetry-literature-life-

stone-like-but-cute-poetry-literature-life पत्थर की खासियत है । कभी पिघलाते नहीं । मौसम कुछ भी हो बदलते नहीं । वर्ना आजकल तो सब अस्थाई है । 

पत्थर को लोग तुच्छ समझे जाते हैं -लेकिन वहीं पत्थर जब किसी हिंसक जीव द्वारा हमला किया जाता है तो हथियार बन जाता है ! उसका रक्षक बन साथ देता है ! 

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पत्थर जैसा लेकिन प्यारा-

 हां, मैं पत्थर हूं

तुम अभी भले मुझे
समझ न पाओगे
मेरी कीमत दे न पाओगे
पत्थर का टूकडा समझ कर
रास्ते में फेंक जाओगे
लेकिन जिस दिन
कोई जानवर हमला कर देगा
उस दिन उठाकर पत्थर
उसे तुम भगाओगे
ढूंढोगे पत्थर इधर उधर
मिल जाएगा जो पत्थर
उसी से मारोगे
उस दिन तुम्हें फूलों की नहीं
पत्थर की जरूरत पड़ेगी
जिसे साथ रखकर
सफ़र पे चलोगे !!!!

पत्थर लेकिन भगवान 

पत्थर ने ही लंका विजय की नींव रखी
जिस पर चलकर भगवान राम ने विजय की नींव रखी
चलकर वानर सेना रावण की लंका आग लगा दी
कइयों की आस जगा दी 
पत्थर में ही भगवान मिलते हैं
जिसकी पूजा से प्यास मिटते हैं
न कहो पत्थर किस काम के
पत्थर बनी अहिल्या से भगवान मिलते हैं!!!

पत्थर इंसान बेशक

तर्कों से मुर्ख हो सकता है
लेकिन
कोमल हृदय सबको महसूस कर सकता है
कुछ बातें
तर्कों से स्पर्श नहीं किया जा सकता
उसे तो कोमल हृदय ही महसूस कर पाते हैं
तर्क क्या है
अपने अनुमान की पुष्टि
जिसे मानसिक स्तर अनुसार
मिलती है संतुष्टि
जिसके पास केवल बुद्धि
यहां केवल पत्थर समान है वो !!!!

पत्थर इंसानों सा नहीं है
तुम पूजोंगे तो
पिघल जाता है
कहोगे दिल की बात
सुन पाएगा
दिल की बात !!!!


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