किसी की परवाह करना nobody cares article

-किसी की परवाह का कारण nobody cares article

यही की दुनिया मतलबी है । सभी कहते हैं । सभी बचते हैं । इसी बचाव ने सबको काटकर रख दिया है । चालाकी के गुण को समझदारी मान लिएं है । इसलिए सभी एक दूसरे से कटे हैं । समाजिक रूप से । मतलब सिद्ध करने के लिए ताक पर बैठे हैं । जिसे नहीं मिला मौका उसकी शिकायत है । ज्ञान रट्टा मार हो गया है । लोग फारवर्ड कर रहे हैं । दूसरे के लिए । अपने पास केवल जानकारी है । जिस पर चलना उचित नहीं मानते हैं ।

हम यह जानते हैं कि लोग किसी विषय के बारे में कितना जानते हैं । उस विषय पर लोगों की गई आलोचना और तारीफ हमारे मन मस्तिष्क संग्रहण करके रखते हैं । हमारे आसपास के लोगों के सम्पर्क में हम हमेशा रहते हैं । जिसके दृष्टिकोण से भलीभांति परिचित रहते हैं । कुछ के समर्थन में तो कुछ के विरोध में शामिल रहते हैं । ज्यादातर अपना नजरिया इन्हीं लोगों के द्वारा बताएं अनुसार होता है । जिसका सीधा अर्थ है ये लोग हमें नियंत्रित करके रखते हैं । हम इन्हीं लोगों के अनुसार जीवन जीते हैं ।

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लोगों की आलोचना और तारीफ-

ऐसे में जब भी हम कोई नया काम करते हैं तो इन्हीं लोगों के द्वारा की गई टिप्पणी हमारे मन मस्तिष्क में गुंजने लगता है । हमारे आसपास के लोग हमारे निर्णय के बारे में क्या सोचेंगे ? इसी उलझन में डुबे रहते हैं । जिसकी परवाह होने लगती है और एक बार हम किसी अन्य की परवाह करने लगते हैं तो उस कार्य की महत्ता नगण्य हो जाता है । उद्देश्य भूल जाते हैं । लोगों की चिंता करने की वजह से अपना काम भी छोड़ देते हैं ।

सबकी सोच सही नहीं होती- 

ध्यान रहे जो लोग असफल हैं । वहीं लोग ज्यादा आलोचना करते हैं क्योंकि उसकी भी चाहत थी कि, उसे प्राप्त कर लेते जिसकी प्राप्ति की तलाश हम कर रहे हैं । लेकिन कभी जोखिम नहीं ली । नकारात्मक फल की आंशका में अकर्मण्य होकर बैठे हैं ।उसी अकर्मण्यता की वजह से आलोचना करते हैं ।  लोग मुुफ्त की राय मशवरा देना नहीं भूलते हैं । 

आज हरिशंकर परसाई भी हांसिए में है

उसने बहुत आलोचना की

देखा समाज को

बहुत गहराई से

लेकिन असल मुद्दे पर नहीं लिख पाया

जैसे आतंकवादी के धर्म पर

चुप रहे

या बचकर निकले

कहीं न कहीं

कल नहीं समझा था

लेकिन आज स्पष्ट है

उसकी प्रासंगिकता पंगू है

गैर जरूरी

मरने के डर से

समझदारों की आलोचना की

लेकिन मुर्ख से बचकर रहा !!!!

-राजकपूर राजपूत

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