जब भी उसने दुआओं में हाथ उठाएं - शायरी

Love-romantik-shayriya-sahitya-jivan.

 (१)

ज्यादा चुप रहोगें

तो कायर समझें जाओगे

इसलिए बीच - बीच में बोला करो

इस तरह कभी - कभी आदमी बना करो !!

(२)

जब भी उसने दुआओं में हाथ उठाए

मेरे लिए पत्थर भी उठाए

जाने कैसे उसकी दुआ कबूल होगी

उसने इबादत की पत्थर उठाए हुए

खुद का संदेश पहुंचाना चाहता है

काफिरों के लिए पत्थर उठाए हुए  !!

(३)

जाने कैसे वो मोहब्बत पे शायरी लिखी होगी

जिसने रिश्तों को समझौतों से बांध रखा है

बात हक़ की आई और रिश्ता तोड़ दिया

सियासत से नियमों को बांध रखा है  !!

(४)

उसकी दुआओं में हम भी शामिल हैं

महज़ बद्दुआ देने के लिए !!


(५)

उसने सजदा किया दिलोजान से

उसके खुदा के लिए हम ही नामंजूर है !!

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