रोने से पहले हंसा कर - गजल

 रोने से पहले हंसा कर

ऐसे मन बहलाया कर
मौत का कोई पल नहीं
आ गई तो गले लगाया कर 
न तोड़ यूं दिल किसी का
रूठ गए हैं उसे मनाया कर
"मैं" के भाव में न जीना कभी
ग़लती है तो झुक जाया कर
फूलों की चाहत है भौरों को
उड़-उड़ पास जाया कर
बात तेरी सच्ची हो जाएगी
दूध में पानी न मिलाया कर
कुछ लेना है न देना है
बस प्यार सबमें लुटाया कर
जीने का तर्जुबा कहता है
खुद हंसा कर और हंसाया कर
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