subconscious-mind-in-the-thought-hindi-poetry. विचार के नाम पर नकारात्मक ऊर्जा काम करने लगे हैं । लोगों को थकाना, हराना, फिर अपना एजेंडा स्थापित करना । बखूबी निभा रहे हैं । खासकर के हिन्दू धर्म के लिए । नकारात्मक सोच को तर्क और फ़र्क कर । खुद को बुद्धिजीवी वर्ग कह रहे हैं । जो मुर्ख है वो भी । इसी विचार में पड़े हैं कि वह शिक्षित हैं । जिसका खुद के चरित्र का ठिकाना नहीं है ।
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अवचेतन मन में पड़ा
उद्देश्य, लालसा, स्वार्थ
बखुबी जानता है
आजकल के लोग
कैसे सजाना है ?
कैसे छुपाना है ?
कब प्रगट करना है !
एक चरित्र
जिसके उजागर होने से
समाज बुरा मानेगा
इसलिए
मौकापरस्ती का तरीका
बड़े अच्छे से निकाल लिया है !!!
वो गलत करके भी बचाने आ गए
हम सही है तो भी बूरे हो गए !!
उनके जैसा मैं शरीफ़ नहीं
गलती करके मैं शरीफ़ नहीं
कुछ तो लाज शरम बाकी है
नंगा सा मैं शरीफ़ नहीं !!!
उसकी धमकियों पे शराफ़त देखी
उसने हमारी शराफ़त पे नफ़रत देखी
माइंड सेट है कि कुछ और है
गला काटते हुए लोगों पे शराफ़त देखी !!!
साहित्यकार जब राजनीति से प्रेरित हो
तो समझ जाना उसका साहित्य
जीवन को सरल नहीं
कठिन बनाएंगे
उलझाकर
एजेंडा फैलाएंगे
लेकिन दुर्भाग्यवश
इन्हीं लोगों की संख्या ज्यादा हो गई है ।
अवचेतन मन में पड़ा विचार
कोई छुपा हुआ प्यार
स्मरण हो जाता है
यूं ही
कभी-कभी
बैचैन हो कर
लेकिन निकल आता है जब
संतुष्ट कर जाता
मांग अपनी
चाहत अपनी
निश्चित हो कर
अवचेतन मन में पड़ा विचार
बनकर प्यार !!!!
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