Whenever-you-are-mentioned-Poetry-in-Hindi
(१)
जब तेरा जिक्र होता है
मुझे तेरा फ़िक्र होता है
कहीं छिन न लें तुझे दुनिया
क्यों तेरा बार बार ज़िक्र होता है !!!
Whenever-you-are-mentioned-Poetry-in-Hindi
(२)अकेलापन सताता है
रूक के मन घबराता है
ठहरता नहीं कहीं भी
तेरा नाम ले ले पुकारता है
कभी आ जाओ धोखे से
ऐसे मन भर जाता है !!!
(३)
ज़िक्र तेरा हर पल ख्यालों में होता है
सामने तेरे बहुत घबराहट होती है !!
(४)
वो जब भी मेरा ज़िक्र करते हैं
अपनी बातों में मेरा फ़िक्र करते हैं
हम इसी को मोहब्बत मानते हैं
उसके ख्यालों में हैं तो ज़िक्र करते हैं !!!
(५)
उसके ज़िक्र से पता चला
मोहब्बत कितनी है नफ़रत कितनी !!
इतनी बुराई नहीं है मुझमें
जितनी बताई है तुमने
तुम भी कोई शरीफ़ नहीं हो जनाब
कभी अपनी बताई है तुमने
नफ़रत का नियम ही है
दूसरों की बुराई अपनी छुपाई है तुमने
मोहब्बत किंचित भी नहीं है तुममें
नफ़रत से आग लगाई है तुमने !!!!
इन्हें भी पढ़ें 👉 मेरे होंठों पे शिकायत थी
0 टिप्पणियाँ