तुमने आस बंधा दी फिर से
जीने की राह बता दी फिर से
तुमको देखा तो दिल मचल उठा
तुमने मेरी प्यास जगा दी फिर से
हवाओं के झोंके ने ले आई तेरी खुशबू
धडकनों में आग लगा दी फिर से
ये नदी-झील और बागों का सुनापन
तेरी यादों में तड़प जगा दी फिर से
यकीनन मैं मर जाता बेवजह जिंदगी
तुमने जीने की वजह बता दी फिर से
0 टिप्पणियाँ