poem on weather
September - इस तरह गुजरा था
सितम्बर इस तरह गुजरा
जैसे बारिश की छींटे
तन भी भींगे मन भी भींगे
खेत खलिहान भी भींगे
आख़री बारिश में गुलाब गुजरा
सितम्बर इस तरह गुजरा
धान की बालियां पके थे
पेड़ हरे और पल पीले थे
जिसे देख किसान ललचाया था
अच्छी फसल की उम्मीद में मन हर्षाया था
परंतु चेहरे पे गुलाब की छाया ऐसे गुजरा
डर-डर में सितम्बर ऐसे गुजरा
टीप- गुलाब (तुफान) जो सितंबर 2021 में आया ।
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