बहुत कठिन है Poetry is Very Difficult

Poetry is Very Difficult 

बहुत कठिन है 

सबसे मुश्किल है

राम बनना

परहित में

त्याग करना

एक प्रजा का

सम्मान रखना

सबसे मुश्किल है

दुश्मन को

स्वीकार करना

उसकी गलतियों को

माफ़ करना

सबसे मुश्किल है

हृदय से उदार होना

विपरित परिस्थितियों में

सम होना

न्याय के पथ पर

अधीर न होना

सबसे मुश्किल है


सबसे सरल है

रावण बन जाना

अपनी जिद पे

परिवार को मिटा देना


सबसे सरल है

अपनी गलतियों को

स्वीकार न करना

और दूसरों को उपदेश देना


सबसे सरल है

स्वघोषित

ज्ञानी बनना

खुद को

लंकापति कहना

एक तानाशाही की तरह

किसी की भावनाओं का

कद्र न करना

Poetry is Very Difficult

इससे भी सरल है

आजकल दोगला होना

जो दूसरो की लकीर

काटकर बड़ा होना

चंद पैसों के लिए

गिरकर खड़ा होना

किसी निर्लज्ज की तरह !!!


रावण की जो तारीफ करते हो 

उस जमाने में रावण की गलतियां 

रावण को जलाने के लिए काफी थी 

लेकिन आज तो तारीफ करने वाले हैं 

रावण के लायक भी नहीं है 

इतने गिर गए हैं 

जलाओगे तो भी वह जिंदा हो जाते हैं 

हर साल रावण की तरह !!!!


रावण की तारीफ करना 

रावण जैसे चरित्र को जीने के लिए 

प्रेरित करना है 

उन भोले भाले लोगों को 

अपने चरित्र में ढालना है !!!!

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