poem on effort
बहुत कोशिश की मैंने
तुझे समझाने की
अपने प्यार की बातें
बताने की
मगर तेरा ख्याल कुछ और था
दिल का इरादा कुछ और था
इसलिए तुम चले गए
जो लौट के नहीं आए !!!
poem on effort
बहुत कोशिश की मैंने
खोकर पाने की कोशिश की मैंने
अभी सफर बचा है
चलते रहना है इतनी कोशिश की मैंने
हार जाऊंगा या जीत जाऊंगा
ध्यान न देने की कोशिश की मैंने
मंजिल का मेरा ठिकाना नहीं
और बार -बार कोशिश की मैंने
हर बार तजुर्बा मिले
इतनी कोशिश की मैंने
छांव में बैठकर क्या सोचना
धूप में जलने की कोशिश की मैंने !!!
इन्हें भी पढ़ें 👉 हां मैंने एतबार किया
0 टिप्पणियाँ