बहुत कोशिश की मैंने poem on effort

poem on effort

 बहुत कोशिश की मैंने

तुझे समझाने की

अपने प्यार की बातें

बताने की

मगर तेरा ख्याल कुछ और था

दिल का इरादा कुछ और था

इसलिए तुम चले गए

जो लौट के नहीं आए !!!

poem on effort

बहुत कोशिश की मैंने

खोकर पाने की कोशिश की मैंने

अभी सफर बचा है

चलते रहना है इतनी कोशिश की मैंने

हार जाऊंगा या जीत जाऊंगा

ध्यान न देने की कोशिश की मैंने

मंजिल का मेरा ठिकाना नहीं

और बार -बार कोशिश की मैंने

हर बार तजुर्बा मिले

इतनी कोशिश की मैंने 

छांव में बैठकर क्या सोचना

धूप में जलने की कोशिश की मैंने !!!

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