सूर्य स्थिर है
अपने अक्ष पर
अटल सत्य की तरह
परिक्रमा कर रहे हैं
ग्रह नक्षत्र,चॉंद सितारे
जिसकी गति से भूल हो रही है
मानों सूर्य परिक्रमा कर रहे हैं
किसी भ्रम की तरह
हम भूल जाते हैं
जिसपे सवार हैं
उसकी गति उसकी स्थिति
और हमें लगता है
बाह्य चीज़ हमें छोड़ रहे हैं
किसी झूठ की तरह
जबकि हम भी गतिशील है
निरंतर!!!!!!
---राजकपूर राजपूत''राज''
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