दिल पे ज़रा हाथ रख दो ghazal on life_

ghazal on life_

 दिल पे ज़रा हाथ रख दो

प्यार है कितना हिसाब रख दो

तुम्हें यकीं नहीं है मेरी मोहब्ब्त पे 

खुली बातों से जवाब रख दो

परेशान हूॅं तेरे चेहरे की शिकन से

हर दर्द मंजूर है मेरे करीब रख दो

दुआ कबूल होती है खुदा के घर पे

मेहनत करो और नसीब रख दो

बेशक तुम जाओ मगर

मेरे सामने अपनी मुस्कान रख दो

तेरे चेहरा कौन भुला पाएगा

दूर रहो मगर ख्वाब रख दो !!!

ghazal on life_

दिल पे ज़रा हाथ रख दो

और गवाही दो

कोर्ट कचहरी में

तुम सच हो

कि गीता

तुम बड़े हो

कृष्ण का प्रवचन

और तुम पाओगे

तुम्हारा स्वार्थ बड़ा है

बदले समाज में

लाभ  / हानि

जीवन / मरण

यश / अपयश 

सब तुम्हारे हाथ में है

जिसे साधने का प्रयास होगा

कई उदाहरण खास होगा

जिससे सहारे लोगे

दलील के रूप में

इसलिए तुम झूठ बोल सकते हो

किसी भी महान ग्रंथ को छू कर भी !!!


किसी भी युद्ध की भयावहता देखकर 

हृदय द्रवित कर लेना

और दोषी देना

शुरुआत का कारण

जानते हुए भी

युद्ध की चिंगारी लगाने वालों में से हो

तुम !!!

फिलिस्तीनी पर आक्रमकता देख

तुम रो रहे हो

तुमने शुरुआत देख

चुप क्यों रहे ???

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