Ghazals on Social
आधा अधूरा उसका जवाब
मतलब छुपा हुआ उसका जवाब
वो दिल तोड़ना नहीं चाहता
द्विअर्थी में छुपा उसका जवाब
सियासत बहुत है उसके दिल में
घूमा फिरा के उसका जवाब
कोशिश है उसकी मेरे दिल से निकले
नफ़रत है मगर इश्क से उसका जवाब
आखिर उसकी नफ़रत आ ही जाएगी
ध्यान भटकाते हुए उसका जवाब !!!
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उसे प्यार था
मुझे एतबार था
कहां कुछ नहीं
आंखों में प्यार था !!!!
बिना स्पष्ट की बातें
भ्रम पैदा करते हैं
नफ़रत है तो नफ़रत कहो
प्यार है तो करते हैं
असमंजस की स्थिति है
सियासत में लोग ऐसे करते हैं !!!
लम्बे समय तक रखी दिल की बात
करते हैं बहुत आघात
कह देना जो भी कहना
वर्ना बन जाएगा
न इधर का न उधर का हालात !!!
उपयोग करने
हर कोई तैयार हैं
कोई और नहीं
वो मेरा यार है
उसके तर्क में
स्वहै
जैसे स्वयं का हित
स्वयं की प्रीत
स्वयं का अधिकार
स्वयं का प्यार
स्वयं का मतलब
जिंदा है तब तक
ढूंढना है स्वार्थ
तब तक
हम जैसे शब्द
नहीं है
उसके डिक्शनरी में
इसलिए भरोसा छोड़ दो
हम जैसे शब्दों पर
यही कि कभी
तुम इसके बन जाओगे !!!
उसने खुद को
वैज्ञानिकता का प्रमाणपत्र
खुद ही ले लिया है
जिसमें उसने अंकित किया है
खुद का अधिकार
खुद का प्यार
अर्थ का व्यापार
उसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण में
नहीं है तो केवल
भावनात्मक संबंध !!!!
कितना अभागा है
वो आदमी
जो प्यार कर बैठता है
ऐसे लोगों से
जिनका सहयोग
जीवन में
कभी
नहीं रहा है
चाहता रहता है
फिर भी !!!!
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