प्रेम को हम शायद ! नहीं समझा सकते । व्यवहारों में महसूस करा सकते हैं या दिखा सकते हैं । अपने प्यार को । कई चीजें ऐसी है जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं और न ही नजरें इजहार कर सकते हैं । उसे हम अपने व्यवहार में प्रगट कर सकते हैं ।
यदि महसूस कर सके तो समझ जाएगे और हाँ, समझेगे तभी जब उसके दिल में प्रेम होगा । वर्ना किसी के नजरिए को बदलना सबसे कठिन काम है ।
जो जिस धारणाओं में जीते है ,,
उसी को स्वीकार करते हैं ।
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