तुम्हें तोड़ना चाहते हैं
विचारों की अभिव्यक्ति के नाम पर
जो खुद ही बुरे हैं
जिसे अपनी बुराई दिखाई नहीं दी
वो अक्सर
दुसरो में कमियॉं ढ़ूॅंढ़ते हैं
जो जानते नहीं कभी भाईचारा
वो हमें सिखातें हैं
खुद ही रूढ़िवादी
स्वयं ही प्रगतिशील कहलाते हैं
बच के रहना ऐसे गद्दारों से
जो देश अपना नहीं कहते हैं
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दोगले व्यक्तियों के प्रति
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