कोई ऐसी किताब नहीं No Book No - Poem

No Book No - Poem 
कोई ऐसी किताब नहीं
कोई ऐसा हिसाब नहीं

बिना किए जिसे पा सको
ऐसा किसी का नसीब नहीं

चाहत है तो कदम चलेंगे उस ओर
बिना चाहत के करीब नहीं

सोच लो इश्क में दर्द मिलेंगे
शार्ट कट जैसी कोई तरकीब नहीं  !!!


No Book No - Poem


अभी रूकना था उसे 
एक निशाना साधते हुए 
अर्जुन की तरह 
लक्ष्य स्पष्ट बनाकर 
तीर चलाना था !!!!

किताब पढ़ो ज़रूर 
लेकिन अपने जीवन उतारों ज़रूर 
वैसे तो सीख पढ़ जाते हैं जानवर भी 
लेकिन नाचते हैं सर्कस के मास्टर से जरूर !!!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 बहस करना क्या सीखी 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ