टूट कर सम्भल जाता मैं

मैं कभी हारा कहॉं था
तुने मुझे थामा कहॉं था

टूट के सम्भल जाता मैं
तुने मुझे थामा कहॉं था

मेरा दिल भी पिघल जाता
तुने मुझे निहारा कहॉं था

हर मुसीबतों का हल है यहां
तुने मुझे सवारा कहॉं था

दौड़ा चला आता तेरे पास
तुने मुझे पुकारा कहॉं था
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