पूरी जिंदगी

पूरी की पूरी जिंदगी
तेरे नाम
तुझे पाने के सिवा
नहीं कुछ काम
दर्द है सीने में
फिर भी सजाता हूॅं
रात की तनहाई में
ख्वाब सजाता हूॅं
दिन के उजाले
बेचैनी देती है
शुन्यता देती है
थकावट देती है
इसलिए..
तुम रहो पास मेरे
मैं आराम पा जाता हूॅ॑
जीने के लिए
वजह मिल जाती है
और कुछ काम-धाम
कर पाता हूॅ॑ !!!
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