कॉंटों की तरह

कॉंटों की तरह
उपेक्षित है
मगर फूलों को खबर नहीं
हमारी वजह से
उसकी कीमत है
हर पल देते हैं
साथ उसी का
इसलिए मन मेरा
कुंठित है
कॉंटों की तरह
उपेक्षित है
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