तुम्हारी नज़र में Poetry in your Eyes

Poetry in your Eyes 

मैं जैसा भी हूॅं
तेरे सामने हूॅं
बस अपने नजरिए से तौलेंगे
जो तुम्हारे भीतर
बरसों से नफ़रत और प्रेम है
उसी से तौलोगे
एक पूर्वाग्रही के भांति देखोगे
और तुम्हारी नज़रों से
मेरा आंकलन सही नहीं होगा
जिसमें तुम्हारी नफ़रत और प्रेम होगा
उन्हीं में से
किसी एक में से देखा होगा,, मुझे
जिसकी प्रस्तुति तुम
दुनिया के सामने करोगे  
एक पूर्वाग्रही की भांति !!!

Poetry in your Eyes


उस गहराई में
कभी उतर नहीं पाओगे
जिस गहराई में मैं हूॅं
तुमने सदा अपने नजरिए से देखा
कभी महसूस नहीं कर पाएं
दूसरों की भावनाओं को
परिभाषाएं दी
अपने मनमाफिक
जिसे स्पर्श कर रहा था
मेरा हृदय 
तुम्हारी सियासत को
तुम परिवर्तन करना चाह रहे थे
अपने इरादों में 
जो तुम्हारी दुष्टता थी
मेरे प्रति !!!!
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मैं प्यार में था

और वो अपने एजेंडे में
मैं जितना खोया था
प्रेम कै ख्यालों में
वो उतने ही सहज था
अपने एजेंडे में
वो बहलाने के इरादे से
मैं समझाने के इरादे से
प्रेम की चाहत कम लोग समझ पाते हैं
लेकिन सियासी एजेंडे वाले
समूह में
हमलावर थे
टूटता गया मेरा प्रेम
अकेले में जीने के लिए !!!


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