हर पीढ़ी

हर पीढ़ी 
अपने वर्तमान से खिन्न होते हैं
विरोध में खड़े होते हैं
पुरानी पीढ़ी के
कुछ विचारों से
मेल नहीं खाते है
उसके नए विचार
और अक्सर
गतिरोध में
चलती है जिंदगी
असंतोष में
चलती है जिंदगी
मनमुटाव के बीच
अपने अपने जिंद में
वक्त के साथ-साथ
नए विचार भी
पुराने विचार बन जाते हैं
आज वर्तमान है
वो कल पुराने हो जाते हैं
---राजकपूर राजपूत''राज''







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