दिल से यूॅ॑ ही उतर जाते हैं लोग

दिल से यूॅ॑ ही उतर जाते हैं लोग
रिश्तों में चालाकियाॅ॑ कर जाते हैं लोग

माना ये दौर बदल गया है अब मगर
यही सोच के ही डर जाते हैं लोग

अगर दिल में दिमाग हो तो मुश्किल है रिश्ते
बेवजह ही सवाल कर जाते हैं लोग

वो जानते हैं जमाने की सभ्यता जरूर
चंद लफ़्ज़ों में होशियार हो जाते हैं लोग

ये जो भीड़ है वो कभी मेरे नहीं राज
वक्त आने पर सताकर जाते हैं लोग
---राजकपूर राजपूत''राज''
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