मेरी कविताओं में

तुम्हें जब भी
मेरी कविताओं को
पढ़ने का मन लगे
तुम पढ़ लेना
मेरी कविताओं के
शब्दों को
और मुझे
महसूस करने की 
कोशिश करना
मेरी कविताओं में,,,

जिसमें मेरी भावों की
अभिव्यक्ति है
जिसमें गूंजित है
मेरी चाहत
हृदय की गहराई में
तेरी तस्वीर की
पूजा की है
बरसों से
जिसे मैं कह नहीं पाया
किसी के सामने
---राजकपूर राजपूत''राज''




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