बुद्धिजीवी और सियासत -कविता

Politics Intelligentsia Poetry 

राजनीति -
वही लोग नहीं करते
जो सियासत में बैठे हैं
सियासत तो 
बुद्धिजीवी भी करते हैं
जो अपनी सुविधा में ऐंठे हैं
जो सीख देते हैं मानवता पर
असल में बरगलाते हैं 
खास वर्ग विशेष को
बढ़ाते हैं 
और दूसरे को समझाते हैं
कमजोर करने के लिए ! !!

Politics Intelligentsia Poetry


घर से निकलते ही
यूं ही चलते ही
लोग सब भूल जाएंगे
लेकिन एक चीज़ याद रखी जाती है
चालाकी
जिसमें मतलब है !!!

- राजकपूर राजपूत 
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