तेरी याद तो है

ये दुनिया मेरी ना सही
तेरी दुनिया आबाद तो है

ठिठका तेरे पैर मुझे देख के
चलो ! तुम्हें कुछ याद तो है

वो बंजर है जमीं जहाॅ॑ मिलें थे
तुम भुल गए मुझे याद तो है

तरस खाते हैं जमाना मुझे देखकर
मेरे पास सुकून है तेरी याद तो है 
---राजकपूर राजपूत''राज''
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