She Forgot me Poem
भुला दिया मुझे उसने ऐसे
कभी इश्क़ नहीं था उसे ऐसे
भुल के होंठों पे नाम ना लाया
दुश्मन समझें थे वो मुझे ऐसे
हर बात उसके लिए छोटी थी
मेरा दिल तोड़ा था उसने ऐसे
दिल बहलाना दिल लगाना यूॅ॑ ही
फैशन लगते हैं अब उसे ऐसे
सच्ची दिल्लगी का कद्र नहीं है राज़
पागल, बेवकूफ लगते हैं उसे ऐसे !!!
She Forgot me Poem
मैं प्रेम में था
अकर्मण्य की भांति
बस लेटा और बैठा
काम कुछ नहीं
बादल आए
घिर घिर छाए
तपती जमीं की गर्मी
बादल को
पिघला नहीं पाएं !!!
धरती प्यासी
अतृप्त इच्छाएं
बादल काले छाए
बस बरसे ना
आए और जाए !!!!
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---राजकपूर राजपूत''राज''
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