हर पहलू के दो बातें हैं Her Sekke ke do pahloo

Her Sekke ke do pahloo 

हर पहलू के दो बातें हैं
पसंद आपके जो इरादे हैं

उन्हीं कामों में मजे हैं
जो सपने ऑ॑खों में सजे हैं

धूप छांव तो जिंदगी है
दिल तो दिन-रात जले हैं

उसी वक्त तलाश है मुझे
मेरी चाहत जिसमें फंसे हैं

सुख-दुख जीवन का हिस्सा है
मेहनतकश हरदम हॅ॑से हैं !!

Her Sekke ke do pahloo



हर सिक्के के दो पहलू
जिसे चाहे छू ले तू

पसंद तुम्हारी है
जिससे तेरी यारी है

स्पर्श करेगा उन मुद्दों को
शामिल कर ले खुद को

जिसमें तेरी चाहत है
सफलता मिलेगी जहां तेरी मेहनत है  !!!

सिक्के के दो पहलू
सुविधा में जी मत तू

सच का भी सामना होगा
झूठ के सहारे जी मत तू

तेरे तर्कों को एक बाजु में रख
जिस सिद्धांत में विश्वास रख तू

यूं बहलाने के लिए तेरी राय है
किसी को बेवकूफ समझ मत तू !!!

सियासी पंथों, समर्थकों, चिंतकों ने 
उस पहलुओं को छुआ 
जिससे उसे फायदा हो 
और तर्क करने लगे
बुद्धिजीवी होने के ढोंग में !!!!

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---राजकपूर राजपूत''राज''

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