शब्द लिखते हो तो पढ़ना भी सीखों

If you Write Words then it's a Poem
 
शब्द लिखते हो तो पढ़ना भी सीखों
सुनना जानते हो तो सुनाना भी सीखों

लिखते हो बड़े बड़े लफ़्ज़ों में अच्छी बातें
दूसरो को बताने से पहले खुद मानना भी सीखों

बहकाने, फुसलाने में अब माहिर है दुनिया
सियासत है तो सियासत करना भी सीखों

लड़ नहीं पाते सच्चाई अब के इस दौर में
झूठ का पर्दा डालते हैं तो पर्दा उठाना भी साखों  !!!!

If you Write Words then it's a Poem


जो मानते भी नहीं 
वो हमें सुधारने आ गए 
जो चाहते भी नहीं 
वो प्यार करने आ गए 
उसकी सियासत भी देखो यारो 
जिसकी जरूरत नहीं 
वो हमें बताने, सिखाने आ गए !!!!

गैर जरुरी सलाह 
गैर जरुरी अपवाह 
सियासत अच्छी है 
हमारी खुशी उसकी आह !!!!

उसने जब भी सलाह दी 
एक साथ में आह दी 
थकाना जिसका मकसद था 
कसकर जकड़ा और बाह दी !!!!!

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---राजकपूर राजपूत''राज''

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