दर्द में सुकून बहुत है There is a Lot of Peace in Love, Poem

There is a Lot of Peace in Love, Poem 
इश्क में दर्द बहुत है
दर्द में सुकून बहुत है

मैं चाहता तुझे भुला देता
तेरी यादों में सुकून बहुत है

उम्रभर जीने के लिए
मुझे तेरा साथ बहुत है

नहीं चाहिए साथ किसी का
तेरी मुस्कान बहुत है

इश्क में कुछ नहीं मिला
परवाने जले बहुत है !!!

There is a Lot of Peace in Love, Poem



प्यार जिसे होता है 
खुद ही खुद रोता है 
कह नहीं पाया दिल की बात 
खुद मानता है 
खुद रूठता है 
उसको देखा तो लगा 
इत्मीनान से जी रहा है 
जिसकी चाहत में 
ये दिल मरता है 
समझें तो समझें क्या 
मेरे प्यार के हालात पे 
जो हंसता है !!!!

जिसके दिल प्यार पे हारा है 
खुद ही खुद को मारा है 
और जिसने माइंड सेट कर लिया है 
उसने जी लिया है 
चालाकी भरा जीवन 
जबकि प्रेम बहता रहा 
किसी को मान कर जीवन !!!!

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---राजकपूर राजपूत''राज''

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