बेरूखी

मुलाकातों मेंं अब भी कोई कमी नहीं आई
पास थे मेरे जुबान पे दिल की बात नहीं आई
होती है ढेरों बातें इधर उधर की मगर
हंसते हैं वो खुल के मगर हमारी बात नहीं आई
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ