नज़ारे बदल गए

Najare badal gayi 



ये तन्हाई ये उदासी
अखियाॅ॑ बरसों की प्यासी
कण्ठ मेरे सूखे थे
मन मेरे भूखे थे
ये नदियां,झील, 
ये दरिया
ये दिल 
बना चुके थे दूरियाॅ॑
मुझे कहाॅ॑ अहसास था
क्या मेरे पास था ?
न जीने का मकसद
न जीने में खुशी थी 
लेकिन तेरे आने के बाद से
वो छोटी सी मुलाक़ात से
सब कुछ बदल गए
ये नजारे बदल गए
जिंदगी संवर गई
मुझे जो तू मिल गई
जैसे सब कुछ मिल गया मुझे !! 

---राजकपूर राजपूत


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