तेरे सिवा कुछ नहीं

इश्क़ की कहानियों मेंं तेरे सिवा कुछ नहीं
इश्क़ में दर्द है तेरे ख्यालों के सिवा कुछ नहीं

मौसम बदलते रहे लेकिन दिल को आराम नहीं
नहीं बहलता है दिल मेरा तेरे सिवा कुछ नहीं

ये नज़ारे मुझे क्यों फीका-फीका लगता है
तुम आओ मेरी जिंदगी में तेरे सिवा कुछ नहीं
---राजकपूर राजपूत''राज''
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ