सुबह हो गई है
जागो देखो
सुबह हो गई है
अपनी जिंदगी की
तलाश में
चिड़िया निकल गई है
पर्वतों की चोटी से
पेड़ों की फुनगी से
रौशनी उतर गई है
देखो ! बाहर मैदानों में
आकर बिछ गई है
जहां चिड़िया
गीत गा रही है
जागो देखो
सुबह हो गई है
घोर अन्धकार
मिट गया है
आलस छोड़ो
निरंतर कर्मपथ पर
तुम आगे बढ़ो
---राजकपूर राजपूत
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