छोटे से सच के सहारे से Poem About Spreading Rumors

Poem About Spreading Rumors 
छोटे से सच के सहारे से
बड़े सत्य को हरा देते हैं
अफवाहें इस तरह फैलाई
झूठ को सच कर देते हैं
कानों कान खबर ना हुई
ऐसी सियासत वो करते हैं !!!

पहले अच्छे इंसान बनों
सबको भाई कहो
जब विश्वास हो जाएगा
तब आराम से गला काट लेना !!!

Poem About Spreading Rumors


पहले एजेंडा सेट करो
आंकलन करों
जिसे दुश्मन मानते हो
कमियों को निकालो
हिसाब-किताब रखो
कब, कैसे, हमला करना है
अफवाहें फैलाकर
गुमराह करना है
स्वयं को छोड़
सबका ध्यान रखना है
अपनी कमियों की चर्चा नहीं करना है
करना है तो दुश्मनों की
बदल जाएगा विचार
हीनता महसूस करने लगेंगे
उस वक्त को पहचानना है
अपना एजेंडा स्थापित करते जाना है 
सियासी मापदंडों का
बेहतर हिसाब है !!!!

अफवाहें फैलाओ
सच को झूठ की तरह
झूठ को सच की तरह
देखना खुद के लिए
कौन सही है
हर हाल में दुश्मन
हमारा नहीं है
मुर्ख मिलेंगे हर जगह
लेकिन हमारा नहीं है !!!!

---राजकपूर राजपूत''राज''

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