जीवन को स्वीकार करो

जीवन को स्वीकार करो
सुख हो या दुःख पीया करो
बुरे वक्त भी ठहरता कहां है
बस सीना तान के जीया करो
दर्द सुकून देते हैं बीत जाने पर
इसी उम्मीद में जीया करो
-राजकपूर राजपूत "राज"
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