फूल

वो लगे रहते अपने शाखाओं पर
मगर माली मर मिटे उसकी खूबसूरती पर
दो घड़ी भी इतरा ना सके अपनी डाली पर
सज गई हैं किसी के हाथों पर, किसी के बालों पर
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