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गजल
अब इंसानों में सभ्यता आ गई है
अब इंसानों में सभ्यता आ गई है
राजकपूर राजपूत
जुलाई 28, 2020
अब इंसानों में सभ्यता आ गई है
जैसे कागजों में सभ्यता आ गई है
यहाॅ॑ साफ़ सुथरे दिखते हैं सभी
किरदारों में सभ्यता आ गई है
बदल गए जमाने लेकिन तुम नहीं बदले
लूट के इरादों में सभ्यता आ गई है
मैं चाहता तो कह देता कई बड़ी बात
लेकिन मेरी सियासत में सभ्यता आ गई है
---राजकपूर राजपूत''राज''
गजल
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Dharam
30 जुलाई 2020 को 7:44 am बजे
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