childhood memories poem in hindi
जिंदगी की थकावट में हॅ॑सी दे जाती है
बचपन की यादें चेहरे पे ख़ुशी दे जाती है
वो धूल, मिट्टी, कीचड़ से सने हाथ था मेरा
नदी, तालाब, पीपल की छाॅ॑व घर था मेरा
खूब मज़ा आता था अपनी ही नादानियों में
बड़ी जिम्मेदारी थी बनावटी जिंदगी के खेल में
एक आवाज थी पिता की डर जाते थे हम
जाके मां की ऑ॑चल में छुप जाते थे हम
कोई लाख मना करते ना रूकने वाले थे हम
हाॅ॑, बचपन में किसी राजा से कम ना थे हम
उस वक्त न मोबाइल था न अन्य मनोरंजन के साधन
मगर जैसे भी थे, बहुत बढ़िया था वो मेरा घर आंगन
वो मां की थपकियों में सुकून भरा प्यार था
जिसके आंचल तले अपना संसार था !!!
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1 टिप्पणियाँ
Nice
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