दिले नादान तुझे कई बार देखा
दिले नादान तुझे कई बार देखा
इश्क हुआ और परेशान देखा
बडी़ तकलीफ है जिन्दगी अपनी
उसकी जुल्फों के साए में आराम देखा
ठहरा ठहरा सा था वक्त अपना भी
आने से उसकी जिन्दगी में बहार देखा
पुछते हैं पता मेरा वो गैरों से हमेशा
मेरी जैसी हालत कई बार देखा
होती नहीं है बातें उनसे रोज-रोज
फोन से नाराज होते कई बार देखा
जिसकी बीमारी वही जाने हाल अपना
दादी को नीबु-मिर्च उतारते कई बार देखा
रहो सामने दिलबर के तो नजरे फेर लेते हैं
झुकी नजरों से मुस्कुराते कई बार देखा
न परवाह कर राज जमाने को देखकर
अजी़ज दोस्तों को जलते कई बार देखा
-------राजकपूर
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