मेरी जिंदगी तो यही है my Life is a Poem

my Life is a Poem

मेरी जिन्दगी तो यही हैं

एक छोटा सा
शरीर धरा
जिसमें बंध गया
एक मन आकाश में
विचरण करता गया
एक इन्द्रिय के बस में
स्वाद चखता गया
एक चेतन तत्व
एहसास कराता गया
मन भावन सब मेरे
अनचाहा कड़वा भी आता गया

मेरी जिन्दगी तो यही है

जो मेरे पास है
एक छोटी सी दुनिया
जिसमें अहसास है
जिसको मैने पीया है
जिसे मैने जिया है
सुख दुख जो
सफर में मिला हैं
गुजर गए जो दिन बुरे
वो तकलीफ, वो दर्द
आज हॅ॑सी दे जाती है
और कुछ दुःख
यादों में बसा के
जिसे रखा है
सजा के
हर लम्हा
मेरे अपने

मेरी तो जिन्दगी यही है

समेट के अपनी यादे
आगे बढ़ना है
जैसे बचपन जिया अल्हण
जवानी को पीना है
मत कहों बुढा़पा अभिशाप है
जीवन का पाप है
इसी के पास तो
ज्यादा अहसास है

मेरी जिन्दगी तो यही है
कांटों पर चल के
कांटों को हटा के
सफर करना है
मुस्कुरा के

मेरी जिन्दगी तो यही हो

मेरी स्मृतियों में
मघुरता का एहसास हो
जो मेरे पास हो
मैं परख लेना चाहता हूँ
फूलों की खुशबु को
बहती ये बयार को
क्षण-प्रतिक्षण सांसों के
आयाम को
कोयल के कुक को
झरने की मघुर संगीत को

समेट लेना चाहता हूँ
बाहों में प्रियतम को
अधरों की प्यास को
मिटा देना चाहता हूँ
मिलन की हूक को
और पा लेना चाहता हूँ
उस प्रेम को
जो फैला है
सृष्टि के कण -कण में
जिसे दिया इस
छोटे से जीवन में
मेरी जिन्दगी का ध्येय है

मेरी जिन्दगी तो यही है !!!!

my Life is a Poem

मेरी जिंदगी तो यही है 

मेरा कोई अपना नहीं है 

मैंने चाहा बहुतों को मगर 

जिसने प्यार समझा नहीं है 

वो एक पल में भूल गया मगर 

हमने भूला नहीं है !!!!!


अभी भूला नहीं था 

वो बंद दरवाजा 

खुला नहीं था 

मैंने दस्तक दी 

किसी ने सुना नहीं था 

अनजान थे यहां सभी 

प्यार हुआ नहीं था 

हमने उसे चाहा मगर 

जिसे प्यार नहीं था !!!!

--राजकपूर राजपूत

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